Lal Krishna Advani: वरिष्ठ BJP नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती
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Lal Krishna Advani: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और भारतीय राजनीति के दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी की स्वास्थ्य स्थिति एक बार फिर बिगड़ गई है। 14 दिसंबर को उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर है और जल्द ही एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया जा सकता है।
लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र 97 वर्ष है और पिछले कुछ महीनों से उनकी तबियत काफी नाजुक रही है। हाल के महीनों में यह उनका तीसरा अस्पताल में भर्ती होने का मामला है। इससे पहले अगस्त माह में भी उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
लाल कृष्ण आडवाणी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लाल कृष्ण आडवाणी लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी हालत को देखते हुए इस साल उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से वह राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शिरकत नहीं कर पाए थे और उन्हें भारत रत्न उनके आवास पर ही प्रदान किया गया।
भारत रत्न सम्मान मिलने के बाद भी स्वास्थ्य में गिरावट
लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने के बाद भी उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। यह सम्मान उन्हें इस वर्ष दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। उनका सम्मान राष्ट्रपति भवन में न होकर उनके निवास स्थान पर हुआ, जिससे उनकी गंभीर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर को वरिष्ठ BJP नेता लाल कृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी उनके आवास पर पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने आडवाणी को बधाई दी थी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर आडवाणी जी के साथ एक फोटो भी साझा की थी। इस फोटो में पीएम मोदी आडवाणी को एक गुलदस्ता प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे थे। पीएम मोदी ने इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा, “आडवाणी जी के आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।”
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म और राजनीति में योगदान
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवम्बर 1927 को कराची में हुआ था। वह भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता रहे हैं। आडवाणी ने 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई और पार्टी को एक राष्ट्रीय स्तर की ताकत बनाने में सफल रहे।
आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में तीन बार कार्य किया। उनका कार्यकाल 1986 से 1990, 1993 से 1998 और फिर 2004 से 2005 तक रहा। वह बीजेपी के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया।
बीजेपी में आडवाणी का योगदान
लाल कृष्ण आडवाणी का बीजेपी में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने पार्टी को मजबूती से खड़ा किया और उसे एक जनप्रिय दल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मार्गदर्शन बीजेपी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना। आडवाणी ने भारतीय राजनीति में हिन्दू राजनीति और राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा दिया, जिसे बीजेपी ने आगे बढ़ाया।
आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी ने 1996, 1998 और 1999 के चुनावों में जबरदस्त सफलता प्राप्त की। उन्होंने पार्टी की विचारधारा को लोकप्रिय बनाया और भारतीय जनता पार्टी को एक राष्ट्रीय ताकत के रूप में स्थापित किया। उनका नेतृत्व बीजेपी के लिए एक ऐतिहासिक दौर साबित हुआ।
आडवाणी के योगदान से भारतीय राजनीति में बदलाव
आडवाणी की राजनीति में सक्रियता ने भारतीय राजनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता, दृष्टिकोण और रणनीति ने भारतीय राजनीति के रुझानों को बदल दिया। उनका राजनीतिक जीवन एक मिसाल है, जहां उन्होंने समय-समय पर अपनी नीतियों और विचारों से भारतीय राजनीति को आकार दिया।
आडवाणी की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्थापित किया। उनके विचारों और नेतृत्व से बीजेपी ने एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में खुद को स्थापित किया और देश में अपनी जड़ें मजबूत की।
आडवाणी का निजी जीवन और संघर्ष
लाल कृष्ण आडवाणी का निजी जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों और मूल्यों के साथ राजनीति की। वह अपने कार्यों से पार्टी और देश के लिए प्रेरणा देने वाले नेता रहे हैं। उनका जीवन हमेशा कड़ी मेहनत, संघर्ष और सिद्धांतों पर आधारित रहा है। उनके लिए भारतीय राजनीति सिर्फ एक करियर नहीं बल्कि एक आदर्श था, जिसे उन्होंने पूरा करने का प्रयास किया।
आडवाणी के लिए राजनीति सिर्फ सत्ता पाने का साधन नहीं थी, बल्कि वह भारतीय समाज और उसकी समस्याओं के समाधान के प्रति हमेशा सजग रहे। उनका यह दृष्टिकोण आज भी भारतीय राजनीति में एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
लाल कृष्ण आडवाणी की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर हालिया घटनाएं भारतीय राजनीति के एक प्रमुख अध्याय के समापन का संकेत दे सकती हैं। हालांकि उनकी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उनका योगदान भारतीय राजनीति में कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने न केवल बीजेपी को एक ताकतवर पार्टी बनाने में मदद की, बल्कि भारतीय राजनीति को भी एक नई दिशा दी। उनके संघर्ष और सिद्धांत हमेशा भारतीय राजनीति के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।